आओ मिलकर दिया जलाएं

आओ मिलकर दिया जलाएं
खोलें अपनी मन की गांठें
गले मिलें और रिश्ते जोड़ें
हर्ष-प्रकम्पित अधरों से हम
आज खुशी के गीत गायें
आओ मिलकर दिया जलाएं.
बीत रहा जब पल हो बेहतर
आनेवाला कल हो बेहतर,
बीत गया जो पल था बेहतर
यही सीख ले कदम बढ़ाएं
आओ मिलकर दिया जलाएं.
अच्छी सेहत अच्छा तन हो
शिक्षा से सब उज्जवल मन हों
कोई पीड़ित न अज्ञानी हो
बहकावे में ना नादानी हो
सर्वधर्म सद्भाव बढ़ाएं
आओ मिलकर दिया जलाएं.
बहुत ही सुंदर रचना भाई.
ReplyDeleteदीपावली की सच्ची अवधारणा को सामने लेने के लिए साधुवाद.