वयस्कों को सीखाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. हमें उनके प्रशिक्षण कौशल के मूल्यांकन के लिए उनका अभ्यास सत्र कराना पड़ता है तथा सत्र की समाप्ति के बाद उनके प्रदर्शन के आधार पर फीडबैक दिया जाता है. बहुत से प्रतिभागी विशेषकर महिला प्रतिभागी जिनको अच्छा फीडबैक नहीं मिलता वे रोने लग जाती हैं. ऐसी स्थितियों में बड़ी सावधानी से उन्हें भावनात्मक समर्थन देना पड़ता है.

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