रेत का महल

कोमल हाथों का स्पर्श
मुलायम उँगलियों की थपकी
मन की चंद  भावनाओं
से निर्मित हुआ
एक महल
रेत का महल

निर्माता प्रफुल्लित
प्रकृति गंभीर
उसे ज्ञान है
सत्य का
नश्वरता का

कितना क्षणिक
नहीं सह सकता
एक थपेड़ा, एक झोंका
भरभरा जाता है
सिद्ध करता हुआ
सत्य
चिरंतन सत्य.

Comments

  1. बहुत ही सुंदर और ग़ूढ भाव की रचना प्रस्तुत करने के लिए अभिनंदन.

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  2. धन्यवाद दीपक.आपकी प्रतिक्रिया मुझे उत्साहित करती है.

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